ध्वनि
- वह ऊर्जा है जिसका ज्ञान हमें अपने कानों के द्वारा होता है।
- ध्वनि की उत्पत्ति, वस्तुओं के वायु अथवा किसी अन्य माध्यम में कम्पन करने से होती है।
- ध्वनि के संचरण के लिए वायु अथवा किसी अन्य माध्यम का उपस्थित होना आवश्यक है। निर्वात (Vacuum) में ध्वनि संचरण नहीं हो सकता।
- ध्वनि संचरण, तरगों के रूप में होता है। ध्वनि तरगों की फ्रीक्वेंसी 20 साइकिल्स प्रति सेकंड से 20 किलो साइकिल्स प्रति सेकंड (20 Hz से 20 kHz) तक होती है।
- इस रेंज से कम या अधिक कि फ्रिक्वेंसी की तरंगें मानव कान नहीं सुन सकता।
- शुष्क वायु में 0॰c पर ध्वनि की गति 332 मीटर प्रति सेकंड एवं जल में 1435 प्रति सेकंड होती है।