DNS ( डोमेन नेम सिस्टम)

DNS ( डोमेन नेम सिस्टम)

  • इन्टरनैट से जुडा प्रत्येक सेवा प्रदाता कम्प्यूटर, एक नाम से परिभाषित किया जाता है जो उसका डो़मेन नेम कहलाता है |
  • यह निम्नवत् प्रारूप में होता है – www.(डोमेन नेम ).com
  • यह वास्तव में सेवा प्रदाता का पता होता है |
  • क्योंकि ‘IP पते’ या ‘ होस्ट फाइल्स ‘ (host files) , विशाल सख्या में विधमान है , इसीलिए DNS सेवा प्रारभ की गई |
  • DNS, विश्व भर के सेवा प्रदाता कम्प्यूटरस का लेखा जोखा रखता है
    और
  • कम्प्यूटर उपयोगकर्ता की प्रार्थना पर उसे सेवा प्रदाता का “पता” उपलब्ध कराता है |

पर्सनल कम्प्यूटर क्या है ?

पर्सनल कम्प्यूटर
• ये माइक्रो कम्प्यूटर होते हैं जो किसी घर या व्यक्तिगत अथवा छोटे समूह के द्वारा कार्य में लाए जाते हैं |
• ऐसे कम्प्यूटरों को बनाने के लिए माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) का कार्य मुख्य रूप से होता है|
• पर्सनल कम्प्यूटर का निर्माण विशेष क्षेत्र तथा उनके कार्य को ध्यान में रखकर किया जाता है | उदाहरण के लिए- घरेलू कम्प्यूटर या कार्यालय में प्रयोग होने वाले कम्प्यूटर |

पर्सनल कम्प्यूटर के मुख्य कार्यो में ..

• बच्चे गेम खेलने में इनका प्रयोग कर सकते हैं|
• इनका प्रयोग इन्टरनेट के लिए किया जा सकता है |
• शब्द , गणनाओं का प्रयोग करने में किया जा सकता है|

इनके कुछ व्यवसायिक कार्य भी है , जो निम्नलिखित हैं -:
a). इसमें डिजाइनिंग करना
b). सेल्स, इन्वेन्ट्री तथा प्रोडक्शन कन्ट्रोल करना
c). स्प्रेडशीट कार्य (Office)
d). अकाउन्टिंग
e). सॉफ्टवेयर निर्माण करना भी पर्सनल कम्प्यूटर में आता है |
f). वेबसाइट डिजाइनिंग |
g). सांख्यिकी गणना आदि कार्य पर्सनल कम्प्यूटर के द्वारा प्रमुख रूप से किया जा सकता है |