कम्प्यूटर वायरस क्या होते है ?

कंप्यूटर वायरस

  • कम्प्यूटर वायरस एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक कोड है, जिसका उपयोग कम्प्यूटर में समाहित सूचनाओं को ख़राब या समाप्त करने के लिए होता है|
  • इसे कम्प्यूटर प्रोग्राम में किसी टेलीफोन लाइन से दुर्भावनाश प्रेषित किया जा सकता है |
  • इस कोड से गलत सूचनाए मिल सकती हैं ,एकत्रित जानकारी नष्ट हो सकती है तथा यदि कोई कम्प्यूटर किसी नेटवर्क से जुडा है, तो इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुडे होने के कारण यह वायरस सम्पूर्ण नेटवर्क को प्रभावित कर सकता है |
  • फ्लॉपियों ,पेनड्राईवों आदि के आदान-प्रदान से भी वायरस के फैलने का डर रहता है |
  • ये महीनों , सालों तक बिना पहचाने गए ही कम्प्यूटर में पडे रह सकते हैं और उसे हानि पहुँचा सकते हैं
  • इसकी रोकथाम के लिए इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा व्यवस्था विकसित की गयी है |
  • कुछ मुख्य कम्प्यूटर वायरस हैं -:
    (1) माइकेलेएंजलो
    (2) डार्क एवेजर
    (3) किलो वायरस
    (4) फिलिप
    (5) सी ब्रेन
    (6) ब्लडी
    (7) चेंज मुंगू एवं
    (8) देसी वायरस
    ये कुछ खतरनाक कम्प्यूटर वायरस है जो कम्प्यूटर को बहुत हानि पहुँचाते हैं |

इस पर अधिक जानकारी के लिए यहाँ जाएँ : https://hi.wikipedia.org/s/uup

इंटरनेट ब्राउजर क्या होते हैं ?

browser kya hai

  • इंटरनेट ब्राउजर एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन होता है, जिसके माध्यम से www ( वर्ल्ड वाइड वेब ) यानी इंटरनेट से जानकारियां हासिल होती है , पेश की जाती है और प्रसारित की जाती है |
  • यह जानकारी जिन स्त्रोतों से आती है उन्हें URL यानि यूनिफार्म रिसोर्स आइडेंटीफायर कहते है |
  • मोजिला फायरफॉक्स , इंटरनेट एक्सप्लोरर , गूगल क्रोम , ओपेरा और सफारी कुछ प्रमुख ब्राउजर है | अब तक इनके कई वर्जन लान्च किये जा चुके है |
  • दुनिया का सबसे पहला ब्राउजर टिम बर्नर्स ली ने सन् 1990 में नेक्स्ट कंप्यूटर के लिए विकसित किया था |
  • दुनिया के पहले व्यापक रूप से प्रचलित और लोकप्रिय वेब ब्राउजर इंटरनेट एक्सप्लोरर को माइक्रोसॉफट ने 1995 में डेवलप किया था, हालाकि अब प्रतिस्पर्धियों के सामने इंटरनेट एक्सप्लोरर पिछड गया है |
  • गूगल क्रोम भारत में सबसे लोकप्रिय वेब ब्राउजर है।
  • हालाकि मोबाइल की बात करें तो भारत में यूसी ब्राउजर (UC Browser) बहुत लोकप्रिय है लेकिन ये अभी मोबाइल फोन्स के लिए ही उपयोग हो रहा है |